Stories Of Premchand

  • Author: Vários
  • Narrator: Vários
  • Publisher: Podcast
  • Duration: 617:12:12
  • More information

Informações:

Synopsis

Stories of Premchand narrated by various artists

Episodes

  • Vayam Rakshamah - Part 51 - Rajkul Ka Dooshan | वयं रक्षाम: - भाग 51 - राजकुमार का दूषण | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    02/08/2022 Duration: 07min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 50 - Aaroh Talpam | वयं रक्षाम: - भाग 50 - आरोह तल्पम् | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    01/08/2022 Duration: 10min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 49 - Shrey Aur Prey | वयं रक्षाम: - भाग 49 - श्रेय और प्रेय | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    01/08/2022 Duration: 05min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 48 - Maya Ka Varsh Nakshatra | वयं रक्षाम: - भाग 48 - माया का वर्ष नक्षत्र | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    01/08/2022 Duration: 13min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 47 - Ling Pooja | वयं रक्षाम: - भाग 47 - लिंग पूजा | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    01/08/2022 Duration: 21min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 46 - Guyaad Guhyatam | वयं रक्षाम: - भाग 46 - गुह्याद् गुह्यतमम् | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    01/08/2022 Duration: 01min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 45 - Dev Saannidhya | वयं रक्षाम: - भाग 45 - देव - सान्निध्य | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    31/07/2022 Duration: 11min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 44 - Devaadhidev | वयं रक्षाम: - भाग 44 - देवाधिदेव | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    31/07/2022 Duration: 10min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 43 - Rudra | वयं रक्षाम: - भाग 43 - रुद्र | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    31/07/2022 Duration: 09min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 42 - Kishkindhapuri | वयं रक्षाम: - भाग 42 - किष्किन्धापुरी में | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    31/07/2022 Duration: 08min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 41 - Gandharvon Ki Nagri Mein | वयं रक्षाम: - भाग 41 - गन्धर्वो की नगरी में | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    31/07/2022 Duration: 06min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 40 - Gandharvon Ki Nagri Mein | वयं रक्षाम: - भाग 40 - गन्धर्वो की नगरी में | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    30/07/2022 Duration: 14min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 39 - Sahgaman | वयं रक्षाम: - भाग 39 - सहगमन | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    30/07/2022 Duration: 06min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 38 - Shambar Sangraam | वयं रक्षाम: - भाग 38 - शम्बर – संग्राम | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    30/07/2022 Duration: 08min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 37 - Asur Ka Vikram | वयं रक्षाम: - भाग 37 - असुर का विक्रम | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    30/07/2022 Duration: 04min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 36 - Mayawati | वयं रक्षाम: - भाग 36 - मायावती | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    30/07/2022 Duration: 13min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 35 - Anarya Jan | वयं रक्षाम: - भाग 35 - अनार्य जन | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    29/07/2022 Duration: 06min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 34 - Asuron Ka Desh | वयं रक्षाम: - भाग 34 - असुरों का देश | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    29/07/2022 Duration: 08min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 33 - Dandkaranya | वयं रक्षाम: - भाग 33 - दण्डकारण्य | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    29/07/2022 Duration: 07min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

  • Vayam Rakshamah - Part 32 - Ravan Ka Bharat Mein Pravesh | वयं रक्षाम: - भाग 32 - रावण का भारत में प्रवेश | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास

    29/07/2022 Duration: 06min

    वयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht

page 57 from 102