Synopsis
Stories of Premchand narrated by various artists
Episodes
-
Vayam Rakshamah - Part 76 - Manthra Ka Koot Tark | वयं रक्षाम: - भाग 76 - मन्थरा का कूट तर्क | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
08/08/2022 Duration: 10minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन है। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ h
-
Vayam Rakshamah - Part 75 - Ram | वयं रक्षाम: - भाग 75 - राम | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
06/08/2022 Duration: 27minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन है। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ h
-
Vayam Rakshamah - Part 74 - Ratn Koot Dwip | वयं रक्षाम: - भाग 74 - रत्न – कुट द्वीप | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
06/08/2022 Duration: 16minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन है। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ h
-
Vayam Rakshamah - Part 73 - Subhadra Vat | वयं रक्षाम: - भाग 73 - सुभद्र वट | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
06/08/2022 Duration: 11minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन है। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ h
-
Vayam Rakshamah - Part 72 - Rang Mein Bhang | वयं रक्षाम: - भाग 72 - रंग में भंग | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
06/08/2022 Duration: 17minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन है। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ h
-
Vayam Rakshamah - Part 71 - Lanka Ki Or | वयं रक्षाम: - भाग 71 - लंका की ओर | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
06/08/2022 Duration: 04minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन है। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ h
-
Vayam Rakshamah - Part 70 - Amrawati Mein | वयं रक्षाम: - भाग 70 - अमरावती में | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
05/08/2022 Duration: 10minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht
-
Vayam Rakshamah - Part 69 - Saaram Shwasur Mandiram | वयं रक्षाम: - भाग 69 - सारं श्वसुरमन्दिरम् | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
05/08/2022 Duration: 09minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht
-
Vayam Rakshamah - Part 68 - Urpur | वयं रक्षाम: - भाग 68 - उरपुर | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
05/08/2022 Duration: 10minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht
-
Vayam Rakshamah - Part 67 - Sarwbhaum Ravan | वयं रक्षाम: - भाग 67 - सार्वभौम रावण | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
05/08/2022 Duration: 18minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht
-
Vayam Rakshamah - Part 66 - Dhanush Yagya | वयं रक्षाम: - भाग 66 - धनुष यज्ञ | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
05/08/2022 Duration: 13minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht
-
Vayam Rakshamah - Part 65 - Aaryawart Mein Pravesh | वयं रक्षाम: - भाग 65 - आर्यावर्त में प्रवेश | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
04/08/2022 Duration: 07minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht
-
Vayam Rakshamah - Part 64 - Madhupuri Mein | वयं रक्षाम: - भाग 64 - मधुपुरी | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
04/08/2022 Duration: 05minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht
-
Vayam Rakshamah - Part 63 - Ravan Ki Mukti | वयं रक्षाम: - भाग 63 - रावण की मुक्ति | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
04/08/2022 Duration: 07minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht
-
Vayam Rakshamah - Part 62 - Maahishmati Ka Yuddh | वयं रक्षाम: - भाग 62 - माहिष्मती का युद्ध | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
04/08/2022 Duration: 09minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht
-
Vayam Rakshamah - Part 61 - Haihay Kartvirya Sahatrarjun | वयं रक्षाम: - भाग 61 - हैहय कार्तवीर्य सहस्रार्जुन | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
04/08/2022 Duration: 07minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht
-
Vayam Rakshamah - Part 60 - Vashishth Vishwamitra | वयं रक्षाम: - भाग 60 - वशिष्ठ –विश्वामित्र | A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
03/08/2022 Duration: 14minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht
-
Vayam Rakshamah - Part 59 - Ashmpuri Ka Yuddh | वयं रक्षाम: - भाग 59 - अश्मपुरी का युद्ध| A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
03/08/2022 Duration: 21minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht
-
Vayam Rakshamah - Part 58 - Yamjihwa | वयं रक्षाम: - भाग 58 - यमजिना| A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
03/08/2022 Duration: 13minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht
-
Vayam Rakshamah - Part 57 - Pratigaman | वयं रक्षाम: - भाग 57 - प्रतिगमन| A Novel by Acharya Chatursen Shastri | आचार्य चतुरसेन शास्त्री का लिखा उपन्यास
03/08/2022 Duration: 07minवयं रक्षाम: में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित अतर्कित नई स्थापनाएं हैं , मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन ह। शिश्नदेव की उपासना है, वैदिक - अवैदिक अश्रुत मिश्रण है। नर - मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य-अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्तृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देख कर सारे संसार ने अंतरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा हूँ।....उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है।... आचार्य चतुरसेन उपन्यास - वयं रक्षाम: Novel - Vayam Rakshamah लेखक - आचार्य चतुरसेन शास्त्री Writer - Acharya Chatursen Shastri स्वर - समीर गोस्वामी Narration - Sameer Goswami https://kahanisuno.com/ http://instagram.com/sameergoswami_kahanisuno https://www.facebook.com/kahanisuno/ http://twitter.com/goswamisameer/ ht